Saturday, January 26, 2019

कानूने शरीयत ऑनलाइन

(1)हुज़ूर_ताजुशशरीअह (रहमतुल्लाह अलैह) और फेसबुक समाज
क़ारईन! इस वक़्त एक अजीब बहस चल रही फेसबुक पर जिनमे जाहिल से लेकर पढ़े लिखे कहलाने वाले लोग भी शामिल है। और सारी बहस हुज़ूर ताजुशशरीअह रहमतुल्लाह अलैह के इर्द गिर्द रवां है। एक तबका हुज़ूर ताजुशशरीअह के मानने चाहने वालों का है। तो दूसरा तबका हुज़ूर ताजुशशरीअह के नाम पर कमाने खाने वालों का है। और तीसरा तबका भी है जिसका मक़सद रज़वी टैग लगा कर खुद को ताजुशशरीअह का मुरीद कह कर किसी भी सुन्नी को माँ बहन की गालियाँ देकर हुज़ूर ताजुशशरीअह के मानने वालों को बदनाम करना लोगों से बदज़न कराना है।
कुछ ऐसे लोग भी है जो बंद ज़ुबां में हुज़ूर ताजुशशरीअह पर ऐतराज़ करते है और इशारो में कहते है कि किसी एक पीर का मौक़िफ सबके लिए ज़रूरी नहीं...।
आपकी बात क़ाबिल ए क़ुबूल ज़रूर होती हूज़ूर ताजुशशरीअह का मौक़िफ हरगिज़ ज़रूरी न होता अगर हज़रत का ज़ाती मौक़ुफ होता लेकिन हुज़ूर ताजुशशरीअह का मौक़िफ क़ुरआन और सुन्नत के मुताबिक़ है जो की हज़रत की तहरीर और फतावे से साबित है। और हर सुन्नी के लिए लाज़िम है कि उस मौक़िफ पर अमल करे। न कि अगर मगर की तवील पेश करे।

तरह तरह के हिल्ले बहाने लगाए। अगर हुज़ूर ताजुशशरीअह का मौक़िफ ज़रूरी नहीं तो फिर किस मौक़िफ पर चला जाए आप ही लोग क़ुरआन ओ हदीस की रोशनी में अपना सहीह मौक़िफ पेश कर दीजिये और हुज़ूर ताजुशशरीअह का मौक़िफ गलत साबित कर दीजिये सारे मसअले हल हो जाएंगे अगर है किसी में इतनी इल्मी सलाहियत चाहे वो गाज़ी ए मिल्लत कहलाने वाले हो, या फिर शेख उल इस्लाम कहलाने वाले हो, या फिर हाफ़िज़ अहादिस ए क़सीरा कहलाने वाले हो या फिर किसी तन्ज़ीम के अमीर साहब हो उनसे कहिये हुज़ूर ताजुशशरीअह के मौक़िफ को क़ुरआन ओ हदीस की रोशनी में गलत साबित कर दें हम भी मान लेंगे क्या ज़रूरत है आवाम में इख़्तेलाफ फैलाने की..? क्या ज़रूरत है इख़्तेलाफी मसअला कह कह कर हुज़ूर ताजुशशरीअह और मुहद्दिस ए क़बीर को टारगेट करने की क्या इतना भी इल्म नहीं रह गया मुफ्तीयान ए क़िराम का क़ुरआन ओ हदीस के हवाले से हुज़ूर ताजुशशरीअह रहमतुल्लाह के मौक़िफ को गलत साबित कर दे और अगर नहीं साबित कर सकते तो बराये मेहरबानी लान तान बंद कर दीजिये ये कहना बंद कर दीजिये कि हुज़ूर ताजुशशरीअह का क़ौल हर्फ़ ए आख़िर नहीं, ये कहना बंद कर दीजिये हुज़ूर ताजुशशरीअह का मौक़िफ गलत है,ये कहना बंद कर दीजिये दीन किसी शख़्सियत की बिना पर नहीं चल सकता.. बंद कर दीजिये अपनी बकवास।
अफसोस तो इस बात का है जब हुज़ूर ताजुशशरीअह बा हयात थे तब उनके मौक़िफ पर लब्बैक कह कर खाने कमाने वाले बड़े बड़े हज़रत भी हज़रत के पर्दा करने के बाद अब अपने नफ्स को काबू में न रख सके। 

आज सुन्नियत में इन्तेशार खाने पीने वाले उलेमाओं की देन है जो हक़ बात न बता कर उम्मत को अपने मफाद के मसअले ही बतायेगे।
और सारा ठीकरा हुज़ूर ताजुशशरीअह हुज़ूर मुहद्दिस ए क़बीर पर फोड़ेगे की इन हज़रात ने सुन्नियत मे इन्तेशार फैलाया जबकि हुज़ूर ताजुशशरीअह रहमतुल्लाह ने शरीअ़त ए मुस्तफाﷺ  का हुक़्म बताया उसकी पासबानी की और हर मसअले पर ऐसा क़लम चलाया जिसका आज तक कोई जवाब न ला सका।

और रही बात इख़्तेलाफी मसअले की तो सरकार आलाहज़रत फरमाते है

"हर हाल में ऐसी शक वाली और इख़्तेलाफ वाली चीज़ों से बगैर ज़रूरत बचना ही चाहिये"
(📚 फतावा रज़विया शरीफ जिल्द:20 सफहा 336-339)

शरीअत के हुक्म पर सरे तस्लीम ख़म करने ही में दोनों जहाँ की भलाई है.

जब हुज़ूर ताजुशशरीअह रहमतुल्लाह अलैह ने क़ुरआन ओ हदीस की रोशनी में शरीअत का सही मस्अला बयान फरमा दिया तो उसके खिलाफ अकड़ना मुसलमान का काम नहीं है।

  बर्ग ए हिना पे लिखता हूँ मै दर्द ए दिल की बात 

                     शायद की रफ्ता रफ्ता लगे दिल रुबा के हाथ

✍ मुहम्मद आक़िब रज़वी ✍

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹


 (2)*🇮🇳26-January-2019🇮🇳*

     *🇮🇳HAPPY REPUBLIC DAY🇮🇳*
═══════════════════════
      *🇮🇳ASHRAFI📝PAIGHAM🇮🇳*
     ║║▌█║║▌█║▌║▌█║║▌█║║
═══════════════════════
*🇮🇳Watan Ghar Ki Tarah Hota Hai, Watan Se Muhabbat Iman Ka Rukn Hai.*

*•–⚀•RєԲ:➻┐*
*🇮🇳📙MIRAT-UL-MANAJIH, SHAR'E MISHKAT, JILD -2, PAGE :828.*
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
*🌴ALLAMA ABDUL MUSTAFA AAZMI SAHAB (رحمته الله علیه) Likhte Hai Ki...*

*🇮🇳Apne Watan Aur Sahar Se Mohabbat Karna Aur Ulfat Rakhna… Ye Saalehin Aur Allah Walo Ka Tareeqa Hai…*
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
*🇮🇳Saare Jahan Se Achcha Hindustan Hamara,*
*🇮🇳Hum Bulbule Hai Iske Yeh Gulsita Hamara.*
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
*🇮🇳Ya Khuda Hind Watan Ki Tu Hifazat Farma… Aameen…*
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
*🇮🇳Republic Day Ke Mouqe Par Mulk Ki Taraqqi Aur Salamti Ke Liye Zaroor Dua Kijiye…*
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
*🇮🇳ALLAH (عَزَّوَجَلَّ)… Hame Padhne, Likhne, Sunne-Sunaane Se Ziyada Amal Karne Ki Taufiq-o-Rafiq Ata Farma.*
*●آمِيّنْ يَارَبَّ الْعَالَمِين.*
*🇮🇳Aameen Ya Rabbal Aalameen*




(3)अगर तुम #रद्दे_गुस्ताख करो और कोई बुद्धिजीवी तुम से ये कहे कि

"मत करो फिरकेबाजी इसी वजह से मूली गाजर की तरह काटे जा रहे हों इत्तेहाद कर लो नही तो ऐसे ही मारे जाओगे"

तो उस दीवाने से कह देना
#ईमाम_मालिक फरमाते हैं कि सारी उम्मत मर जाये अगर वो #हुजूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की इज़्ज़त पर पहरा ना दे सके....

इसलिए हमारा मर ही जाना बेहतर है जब सरकार की इज्जत पे पहरा ना दे सके तो...

सुन लो मुसलमानो!
दुनिया मे सबसे बड़ा मसला सरकार दो आलम ताजदारे मदीना सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की इज्जत का है बाकी उससे बढ़ कर कुछ भी नही.....
बिना मुहब्ब्त ए मुस्तफ़ा सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के ना दुनिया मे कामयाब होंगे ना बरोज ए महशर...
तुमसे सरकार की इज्जत के लिए एक लफ्ज़ नही बोलते बनता

हमारी सारी दोस्ती और दुश्मनी अल्लाह और उसके रसूलअल्लाह सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के लिये...

की #मुहम्मद सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से वफ़ा तूने तो हम तेरे हैं...
ये जहां क्या चीज़ है लोह क़लम तेरे हैं!!

(4)*मुसलमान नौजवान सोशल मीडिया का इस्तेमाल सोच समझ कर करें*

टाडा और पोटा से भी ज्यादा खतरनाक *एन्टी टेरर ऐक्ट* जिसमे नज़रियाती तहरीक भी काबिल गिरफ्त है

27/07/2019 कल ही लोक सभा मे मरकज़ी वजीर ए दाखला अमित शाह ने *एंटी टेरर एक्ट* यानी आतंक विरोधी कानून पास कराया है ।
यह कानून  टाडा और पोटा से भी ज्यादा खतरनाक है और इसका दायरा भी बहुत बड़ा  रखा गया है
जिसमे पहली बार नज़रियाती तहरीक को आतंकवादी से जोड़  दिया गया है । पहले भी टाडा पोटा का इस्तेमाल ज्यादातर मुस्लिम नवजवान के खिलाफ ही किया गया और अब भी हज़ारों की तादाद में मुल्क की मुख़्तलिफ़ रियासतों की जेलों में मुस्लिम नवजवान फंसे पड़े है ।
मुल्क में हर दिन मुसलमानो के लिए कड़ी आज़माइश और इम्तिहान का आता जा रहा है यह सोशल मीडिया का दौर है और सोशल मीडिया की वजह से ही कई नवजवान अब भी जेलों में कै़द है
इसलिए सरपरस्तों वालदैन और खुद मुस्लिम नवजवान पर यह बड़ी जिम्मेदारी आयद हो जाती है के वह कोई ऐसी हरकत ना करे और ना किसी ऐसी साज़िश के जाल में फंस जाए ज़िस से ज़िंदगी भर निकलना मुश्किल हो जाए , मुस्लिम नवज़वानो के फसाने के लिए बाज़ फ़िरकापरस्त लोग व्हाट्सएप, फ़ेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर ऐसे मैसेज वायरल कर सकते है जो मुस्लिम नवजवानों तक पहुचे और मुस्लिम नवजवान  उन्हें दुसरो तक वायरल करें ।
अगर ऐसा हुआ तो जितने मैसेज जितने फोन में वायरल होंगे तो उतने सारे लोग कानूनी झमेलों में फंस जाएंगे । इसलिए बहुत ज़िम्मेदारी से बहुत सोच बुझ से और बड़े ऐतेदाल के साथ ज़िंदगी गुजा़रने का वक़्त आ गया है नही तो लम्हा की खता सदियों की सज़ा का सबब बन जाएगी ।
अगर सोशल मीडिया पर नज़रियाती तहरीक या कोई क़ाबिल ऐतराज़ चीज़ वायरल होती है तो मुस्लिम नवजवान उसे हरगिज़ दूसरो तक ना पहुचाए और जगह पर ही उसे डिलीट कर के किस्सा खत्म करें वरना यह महफूज़ रहेगा तो **ऐंटी टेरर एक्ट* के मुताबिक सबूत बन जायेगा । एन्टी टेरर एक्ट कानून होने के बाद ख़ुफ़िया एजेंसियां भी पूरी तरह से सर गरम अमल हो जाएगी और सोशल मीडिया पर भी उनकी कड़ी नजर रहेगी । कही सोशल मीडिया के जरिये तो नज़रियाती तहरीक को फ़रोग़ नही दिया जा रहा है ? अगरचे मुस्लिम नवजवान इसमें मुलव्विस नही रहेंगे लेकिन उन्हें फसाने के लिए जाल बुना जा सकता है ।
संगीन मसाईल का मुनासिब हल सिर्फ और सिर्फ एहतियात और ज़िम्मेदारी है






1 comment:

Insha Allah Wahabi Deobandi All Badmazhab Ki Radd Jari Rahega (Sunni Hanfi Barelvi Muslman Zinda Hai

Jashne Eid Miladunnabi Sallallahu alaihi wasallam Qur'an Aour Hadees Se Sabit Hai

Miladunnabi Sallallahu Alaihiwasallam Manaane Ka Saboot Qur'aan, Hadees, Mohaddiseen Wa Mufassireen Aur Imamo Se Miladunnabi Sallallahu ...

wahabi deobandi exposed radde all badmazhab new latest post video image post